101+ Best Village Quotes In Hindi | गांव पर शायरी

Village Quotes In Hindi – नमस्कार, आज हम आपके लिए लेकर आये है Village Quotes In Hindi दोस्तों, गांव के यादे बहुत ज्यादा खूबसूरत होती है गाँव में आज भी शाम को बड़े-बुजुर्ग चौराहे, मंदिर या किसी भी स्थान पर एकत्रित होकर अपने-अपने अनुभव बताते है लेकिन गांव में सुविधाएं बहुत कम होती है लेकिन गांव में रहने का आनंद ही अलग है इसलिए ही आपकी गांव की यादे को ताज़ा करने के लिए हम यह आर्टिकल लेकर आये है

Village Quotes In Hindi 

Village Quotes In Hindi 

“ चेहरे पर ख़ुशी कमाने का है,
दिल में दर्द तो पूरे जमाने का है.
गाँव का सुकून चाहता हूँ
जो मर गया वो जूनून चाहता हूँ….!!

“ कहीं दिखती नहीं
तितलियां शहर में,
वहीं जाड़े की धूप
खिलखिला के आती है मेरे गांव में….!!

“ किताबो की पढाई में होगा
शहर गाँव से आगे
मगर संस्कार में तो गाँव आज
भी शहर से आगे ही हे…!!

“ शहर में नौकरी पाकर
जो अहंकार से फूल जाते है,
वही लोग अक्सर गाँव
में अपनों को भूल जाते है….!!

“ जो लोग शहर की
दवा से ठीक नही हो पाते है,
वो लोग अक्सर गाँव
की हवा से ठीक हो जाते है….!!

“ शहर किसी का सपना
जरूर पूरा कर सकता हे
मगर गांव कभी किसी
को भूखे मरने नहीं देता…!!

“ की एक तेरा शहर पानी के
लिए खून बहा देता हे
और एक मेरा गाँव जो
पानी न मिले तो प्यार बाँट लेता हे…!!

‘“ सुना हे उसने
खरीद लिया घर शहर में
लेकिन आंगन दिखाने
के लिए वो बच्चा गांव लाता हे…!!

“ पेड़ में धागा बांधकर
पूरी होती है मुरादे,
कितनी प्यारी-प्यारी
सजोकर रखते है यादें….!!

“ मेरे खेत की मिट्टी
से पलता है तेरे शहर का पेट
मेरा नादान गाँव अब
भी उलझा है कर्ज की किश्तों में…!!

poetry on village in hindi

“ ख़ोल चेहरों पे
चढ़ाने नहीं आते हमको
गांव के लोग हैं
हम शहर में कम आते हैं…!!

“ जो गाँव का मजा
शहर में ढूंढते है,
वो जीने का मजा
जहर में ढूंढते है….!!

“ गाँव की प्यारी यादों
को दिल में सजाया करो,
शहर में तरक्की कितनी भी करो लो
पर गाँव अपनों से मिलने आया करो….!!

“ जब शहर में बीमार हो जाता हूँ,
गाँव जाना चाहता हूँ
और माँ की याद आती है….!!

“ गाँव को पढ़े-लिखे लोगो की जरूरत है,
देखो पढ़े-लिखे लोगो
को गाँव की जरूरत कब पड़ेगी…!!

“ शहर जाकर बस गया हर
शख्स पैसे के लिए
ख्वाहिशों ने मेरा पूरा
गाँव खली कर दिया…!!

“ शहरों में कहां मिलता है
वो सुकून जो गांव में था,
जो मां की गोदी और
नीम पीपल की छांव में था…!!

“ खींच लाता है
गांव में बड़े बूढ़ों का आशीर्वाद,
लस्सी, गुड़ के साथ
बाजरे की रोटी का स्वाद…!!

“ मैं गाँव से पैसा
कमाने निकलता हूँ,
पर गाँव को दिल से
नही निकालता हूँ….!!

शहर के बच्चे किताब के पेड़ में
पड़े झूले को देख सकते है,
मगर गाँव के बच्चे उस झूले में झूल कर
एक अनमोल ख़ुशी महसूस कर सकते है…..!!

गांव की मिट्टी पर कविता

ईश्वर से ही इतनी ताकत पाते है,
गाँव वाले हर मुसीबत से लड़ जाते है…..!!

कितना भी बड़ा जख्म या घाव हो,
अकेलापन महसूस नही होता अगर गाँव हो…..!!

“ यूं खुद की लाश अपने
कांधे पर उठाये हैं
ऐ शहर के वाशिंदों
हम गाँव से आये हैं…!!

“ जिन्दगी कैद हो गई शहर
के ऑफिस और मकानों में,
कितना हम खेला करते थे
गाँव के खेत-खलिहानों में….!!

“ गाँव में, पैसे से जेब हल्की
और दिल के बड़े होते है,
गैरों के मुसीबत में भी
अपनों की तरह खड़े होते है….!!

“ शहर की हलचल से दूर
यहाँ मन को आराम मिलता हे
शहर में तो बस मकान ही हे
घर तो अपना आज भी गाँव में ही हे…!!

“ जो लोग गाँव का मज़ा
शहर में ढूंढते हे
वो लोग जीने का मज़ा
ज़हर में ढूंढते हे…!!

“ की इस मतलब भरी दुनिया में
मैने तेरे जैसा समझदार नहीं देखा
तूने शहर वाले की चक्ले तो देख ली
मगर गाँव वालो का किरदार नहीं देखा…!!

“ शहर से तो अच्छा मेरा गांव हे साहब
जहाँ मकान को नंबर से नहीं बल्कि
पिता के नाम से पहचाना जाता हे…!!

“ जब जलाती है ये धूप,
बरगद का छाँव याद आता है,और
जब आसरा छीन लेता है
ये शहर, तब मेरा गांव याद आता है…!!

गांव की सुंदरता पर शायरी

“ ग़रीबी में भी अपने बच्चे
को अच्छा संस्कार देना,
दुनिया में कही भी रहो
गाँव की मिट्टी को प्यार देना….!!

“ कितना भी बड़ा जख्म या घाव हो,
अकेलापन महसूस
नही होता अगर गाँव हो….!!

“ कितना तकलीफ उठाकर कमाते है,
जब गाँव से कम उम्र
के बच्चे शहर जाते है….!!

गांव की मासूमियत अक्सर शहर
कि हवा में गुम हो जाती है….!!

शहर के साहब कभी गाँव घूम के आना,
गाँव तुझे अपना ना लगे तो बताना….!!

“ गाँव के बच्चे माँ-बाप
की उम्मीदों को संग लाते है,
रूपया कमाने के लिए
अपनी जिन्दगी भी दांव पर लगाते है….!!

“ ख़ुशी से कब हम
अपना गाँव छोड़कर आते है,
पैसे कमाने के लिए
अपने दिल को तोड़कर आते है….!!

“ हम जहाँ के रहवासी हे
वहा मौसम अपना
रंग बदलता हे लोग नहीं…!!

“ बाहर आकर पैसा कमाया बहुत,
गाँव का घर भी
याद आया बहुत….!!!

“ जिन्दगी कभी धूप
में तो कभी छाँव में है,
जीवन जीने का
असली मजा तो गाँव में है….!!

गांव की सुंदरता पर शायरी

“ वो शहर का परिंदा बेक़रार हे
गाँव आने को
जो कभी भूल गया था
गाँव के आशियाने को…!!

“ कितनी तकलीफ़ उठाकर
कमाते हे वो बच्चे
गाँव से शहर आते हे…!!

“ शहर के साहब कभी गाँव घूम के आना,
गाँव तुझे अपना ना लगे तो बताना…!!

“ शहर में पंछियो को पकड़ना
समझदारी हे
गांवो में दाने उछलना
आज भी जारी हे…!!

“ जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,
खुशहाली से भरा वो गाँव है मेरा….!!

जो गाँव की गलियों में खेल कर बड़े होते है,
वो कम उम्र में ही अपने पैरों पर खड़े होते है…..!!

जिन्दगी कैद हो गई शहर के ऑफिस और मकानों में,
कितना हम खेला करते थे गाँव के खेत-खलिहानों में……!!

सहर ही हलचल से दूर यहाँ मन को आराम है
घर तो अपना गाव में ही है जनाब सहर
में तो बस मकान है….!!

बड़ा ही खुश हो जाता हूँ जब कोई मेरे गाँव से आता है,
जैसे वो कोई मरहम मेरे दिल के घाव का लाता है.

माना शहर में तुम्हारा वो तरक्की वाला मकान है,
मगर गाँव में गरीबों के जीवन में भी सुकून और शान है…..!!

गाँव की याद शायरी

शहर के लोग गम में पीते है,
गाँव के लोग गम में ही जीते है…..!!

“ गांव में बड़े होने पर भी
बच्चो को माता पिता डाटते हे
ऐसा प्रतीत होता हे जैसे की
अपनापन और खुशियाँ बाटते हे….!!

“ शहर में परिंदों के लिए
भी ठिकाना नही है,
पर गाँव के बेरोजगारों
को यह बताना नही है….!!

“ जो कल तक टूटा
सा था वो जुड़ रहा है,
अब हर परिंदा गाँव
की ओर मुड़ रहा है…!!

“ ढूंढ रहा हे मन मेरा
आज फिर उन गलियों को
जहा मेरा बचपन
खेला करता था…!!


किताबों की पढाई में सहर जरुर बड़ा होगा
पर संस्कार तो आज भी गाँव के अच्छे है.!!

जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,
खुशहाली से भरा वो गाँव है मेरा…..!!

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