Self Respect Quotes In Hindi : आत्म सम्मान (Self Respect) एक ऐसी भावना है जो एक इंसान को सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार करने मे और सर उठाकर जीने की अनुमति देता है। आप अपने साथ कैसा व्यवहार करते हैं और आप दूसरों को आपके साथ कैसा व्यवहार करने देते हैं रिश्तो में आत्म-सम्मान एक अहम भूमिका निभाता है। एक दूसरे के लिए आत्म सम्मान ना हो तो रिश्ता खोखला हो जाता है। परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं जो रिश्तो की कदर नहीं करते उसी के ऊपर आज हम आपके लिए self respect quotes in Hindi में लाये है।

Self Respect Quotes In Hindi
"मैं अपनी खासियत ढूंढ रहा हूँ, शख्सियत खुद ब खुद लोग जान ने लगेंगे।"
"कोई भी इस दुनिया में इतना बेहतरीन नहीं, की किसी के लिए हम खुद को गिरा लें।"
"समझदार वो होते है जो अपने स्वाभिमान के बारे में जानते है।"
"मुझे छोटा मालिक बनाना ज्यादा पसंद है, बड़ा नौकर बनने से।"
"मेरे खाने में थोड़ी कमी हो सकती है, पर जो भी हो इज़्ज़त पूरी होनी चाहिए।"
"इज़्ज़त अकेले पन में बेहतर होता है, वरना सब कुछ अलग ही अंदाज़ में रहता है।"
"किसी भी मुसीबत के आगे आत्मसमर्पण करना वरना आत्मसम्मान खराब हो जाएगा।"
"समझदार बहुत हैं वो लोग जो खुद को सबसे पहले रखते हैं हर परिस्थिति में।"
"आप अपने आप को परख ले फिर किसी और को परखने की जरुरत नहीं पड़ेगी।" "आत्म सम्मान कमाना है तो खुद को और खुद की इज़्ज़त को कमाओ पहले।"
"तुम अपनी ज़िंदगी की कहानी का नायक खुद बनो।"
"पूरी तरह टूट के मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है।"
"उसे अपना EGO पसंद था और मुझे अपना SELF RESPECT।"
"खुद में रहो, खुद को पढ़ो और सबसे आगे बढ़ो।"
"हरकत से नहीं, मैं मिज़ाज से मालिक हूँ।"
"ना अपने आप को झुकाना, ना अपने किरदार को।"
ज़बरदस्ती के साथ से अकेलापन बहुत बेहतर है।
"ज़िंदगी जीने का तरीका और मायना अपना अपना होना चाहिए।"
एक महिला के लिए सबसे मजबूत काम खुद से प्यार करना है, और खुद का सम्मान करना है।
जब भी हम खुद को नीचा महसूस करते हैं तो वास्तव में हम अपने आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं।
आत्म सम्मान को पहचानना ये जानना है कि हर किसी वस्तु की कीमत होती है।
स्वाभिमान आत्म-सम्मान की सर्वोच्च अभिव्यक्ति है।
अगर आपकी करुणा में आप शामिल नहीं हैं, तो यह अधूरा है।
"नाम बेशक मेरा छोटा है, लेकिन अपना है।"
"इस दुनियां में हर चीज से समझौता कर सकते है अपने आत्म सम्मान से नहीं।"
"रोटी कम हो लेकिन इज़्ज़त की हो।"
"जिस दिन अपना Profit और अपना Loss समझ आ जायेगा, अपनी इज़्ज़त भी समझ आ जायेगी।"
"जहाँ आत्म सम्मान न हो, वो जगह मेरे लिए श्मशान के सामान है।"
"लोगों की इतनी भी कदर ना करो की लोग तुम्हें गिरा हुआ समझने लगे।"
"आपका मूल्य आप जानते है फिर दूसरों से क्या पूछना।"
"मेरी ज़िंदगी का उसूल, इज़्ज़त दो इज़्ज़त लो।"
कभी भी किसी को आपका अनादर करने में सहज न होने दें।
दूसरों को खुश करने के लिए अपने मूल सिद्धांतों से समझौता न करें। अपने स्वाभिमान की रक्षा करें।
हमें कभी भी अपने या किसी और के स्वाभिमान को चोट नहीं पहुंचनी चाहिए। यह एक पवित्र और सबसे क़ीमती संपत्ति है।
अपनी वफादारी को कभी भी गुलामी न बनने दें और अपने स्वाभिमान से कभी समझौता ना होने दें।
आप ही लोगों को सिखाते हैं कि वो आपसे कैसा व्यवहार करें।
जो रिश्तो में कद्र नहीं, उसमें रहने से अच्छा है, की उस रिश्ते को खत्म कर देना अच्छा होता है क्योंकि वहाँ हमारा आत्म-सम्मान ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
दुनिया में हर चीज की कद्र होनी चाहिए, चाहे इंसान हो, पैसा हो, या कोई भी वस्तु, जहाँ कद्र नहीं होती, वहाँ से धीरे धीरे से सब चला जाता है।
जिस दिन तुम खुद के लिए जीना शुरू कर दोगे , उस दिनहर परिक्षा में पास हो जाओगे।
कभी भी सिर्फ खुद की आत्म-सम्मान के लिए, किसी और के आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुँचाना चाहिए।
दूसरों को खुश करने के लिए अपने मूल सिद्धांतों से समझौता न करें। अपने स्वाभिमान की रक्षा करें।
अगर गलती पर भी आप झुक नहीं पा रहे, तो समझ लेना यह आपका आत्म-विशवास नहीं आपका घमंड आप से बात कर रहा है।
कीमत तो हर चीज की चुकानी पड़ती है, इंसान हो या वस्तु, मिलने से पहले भी और खोने के बाद भी, इसलिए हर चीज का सम्मान करें।
उसकी इज्जत कभी मत करो, जो आपकी इज्जत नहीं करता, उसे अहंकार नहीं कहते, उसे आत्म-सम्मान कहते हैं।
ज्यादातर लोग आसानी से मिली हुई चीजो की कद्र नहीं करते, और फिर बाद में खो देते हैं।
किसी का अपमान करना, वह आपका स्वभाव बताता है, कि आप कैसे हैं, पर किसी का सम्मान करना, वह आपके संस्कार बताते हैं, कि आप कैसे हैं।
अभिमानी व्यक्ति सभी की तुलना में खुद को बड़ा समझता है, और स्वाभिमानी व्यक्ति सबको बराबर समझता है।
आत्म-सम्मान जिनका होता है, वह अपना काम स्वयं करते हैं, किसी के ऊपर निर्भर नहीं होते।
कभी भी कोई भी ऐसी चीज़ आपके लिए फायदेमंद नहीं होगी जिसको पाने किए आपको अपने आत्म सम्मान से समझौता करना पड़े।
आत्म सम्मान कोई समान नहीं है जो दुकानों पर मिल जाए इसे कमाना पड़ता है
जहां गलती ना हो, वहां झूको मत,, औट जहां इज्जत ना मिले, वहां रुको मत।।
अगर खुद का सम्मान करोगे, तो दूसरे भी आप का सम्मान करेंगे।
दुनिया में सबसे बड़ी बात खुद को जानना है।
रोटी थाली में भले चार की जगह बस दो हो लेकिन इज़्ज़त की हो वरना ना हो।
किसी चीज के लिए अपना रुतबा ना गिराए, क्योंकि आत्म-सम्मान ही सब कुछ होता है।
खुद का सम्मान करें और दूसरे आपका सम्मान करेंगे।
खैरात के साथ से इज़्ज़त का अकेलापन बेहतर है।
अपनी औकात भूल जाऊ इतना अमीर भी नही हू मै, और कोई मेरी औकात बताए इतना फकीर भी नहीं हू मै।
जो रिश्तो में कद्र नहीं, उसमें रहने से अच्छा है, की उस रिश्ते को खत्म कर देना अच्छा होता है क्योंकि वहाँ हमारा आत्म-सम्मान ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
अगर खुद का सम्मान करोगे, तो दूसरे भी आप का सम्मान करेंगे।
किसी चीज के लिए अपना रुतबा ना गिराए, क्योंकि आत्म-सम्मान ही सब कुछ होता है।
कभी भी सिर्फ खुद की आत्म-सम्मान के लिए, किसी और के आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुँचाना चाहिए।
रिश्ते भी वही अच्छे लगते हैं, जहाँ सम्मान होता है एक दूसरे के लिए, और जहाँ सम्मान नहीं होता, वहाँ रिश्ते नहीं होते।
आत्मसम्मान सबका अधिकार होता है, इसे पाने के लिए, किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनका भी आत्मसम्मान होता है, और किसी के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाना नहीं चाहिए।
सम्मान उनका करना चाहिए, जो लोगों का सम्मान करता है, उन लोगों का नहीं, जो हर वक्त लोगों का अपमान करते हैं।
सेल्फ रेस्पेक्ट कोट्स इन हिंदी सम्मान उन्ही रिश्तो में मिलते हैं, जहाँ समझ हो, समझौता नहीं।
आपके स्वभाव और संस्कार पर निर्भर होता है, कि आपको कितना सम्मान मिलना चाहिए।
आत्म सम्मान की रक्षा करना हमारा पहला कर्तव्य है। अहंकार, गुस्सा और आत्म सम्मान की वजह से प्यार करने वालों को दूर होना पड़ता है।
लोगों को उतना ही बोलो, जितना सुन सको, सिर्फ बोलने की हिम्मत नहीं होनी चाहिए, सुनने की भी हिम्मत होनी चाहिए, क्योंकि बात सिर्फ आत्म-सम्मान की होती है, वरना जो सुन सकता है, वह सुना भी सकता है, पर जो सुना सकता है, वह सुन नहीं सकता।
मैं किसी के आत्म-सम्मान की हानि की तुलना में अधिक नुकसान की कल्पना नहीं कर सकता।
आत्म-सम्मान की अहमियत वो जानते हैं जिन्होंने मंज़िल तक पहुँचने के लिए किसी की सीढ़ियों का सहारा न लिया हो।
जीवन का सबसे बड़ा पछतावा वह है, जो दुसरे आपको बना देते हैं, और आप खुद को खो देते हैं।
Self Respect अनुशासन की जड़ है: सम्मान की भावना खुद को ‘न’ कहने की क्षमता के साथ बढ़ती है।
अभिमानी और स्वाभिमानी में केवल इतना सा ही फ़र्क़ है की, स्वाभिमानी व्यक्ति कभी किसी से कुछ मांगता नहीं है, और अभिमानी व्यक्ति कभी किसी को कुछ देता नहीं है।
कोई दूसरा आपके साथ हो या ना हो, आप खुद हमेशा अपने साथ रहेंगे।।
आत्म-सम्मान जिनका होता है, वह अपना काम स्वयं करते हैं, किसी के ऊपर निर्भर नहीं होते।
कभी भी किसी को आपका अनादर करने में सहज न होने दें।
सेल्फ रेस्पेक्ट कोट्स आजकल दुनिया में वजह हो तो कद्र होती है, वरना बेवजह कद्र कोई नहीं करता, और बहुत कम लोग हैं, जो बेवजह कद्र करते हैं।
हम जैसे भी हैं अच्छे हैं, बेईमानी की शानो-शोहकत की चकाचौंध से दूर बेनामी ही अच्छे हैं।
सब कुछ मिल जाएगा जीवन में तो हसरत किसकी करोगे कुछ अधूरी ख्वाइशें ही तो निंदगी जीने का मना देती हैं।
यदि हम उन्हें खुद नहीं देते हैं, तो वे हमारा स्वाभिमान नहीं छीन सकते हैं।
परवाह ना करो चाहे सारा जमाना खिलाफ हो चलो उस रास्ते पर जो सच्चा और साफ हो।
किसी का अपमान करना, वह आपका स्वभाव बताता है, कि आप कैसे हैं, पर किसी का सम्मान करना, वह आपके संस्कार बताते हैं, कि आप कैसे हैं।
किसी के ऊपर एहसान करना आपका आत्म-सम्मान दूसरों की नज़रों में बढ़ा देता है, परन्तु एहसान कर जताना आपके आत्म-सम्मान का विनाश कर देता है।
खुद को पसन्द करना, खुद की पहली पसन्द होनी चाहिए।
कीमत तो हर चीज की चुकानी पड़ती है, इंसान हो या वस्तु, मिलने से पहले भी और खोने के बाद भी, इसलिए हर चीज का सम्मान करें।
मैं अपनी तारीफ खुद ही कर लेती हूँ क्योंक जमाने को रोक ही नहीं सकती अपनी बुराई करने से।
अभिमानी व्यक्ति सभी की तुलना में खुद को बड़ा समझता है, और स्वाभिमानी व्यक्ति सबको बराबर समझता है।
रिश्ते भी वही अच्छे लगते हैं, जहाँ सम्मान होता है एक दूसरे के लिए, और जहाँ सम्मान नहीं होता, वहाँ रिश्ते नहीं होते।
ज्यादातर लोग आसानी से मिली हुई चीजो की कद्र नहीं करते, और फिर बाद में खो देते हैं।
आत्म-सम्मान का सही अर्थ है किसी भी मुसीबत के आगे आत्म-समर्पण न करना।
आत्मसम्मान की तलाश इसकी कमी का सबूत है।
हर कोई अपने आप में एक आईने सा है, लोग आपकी उतनी ही इज़्ज़त करेंगे जितनी आप अपनी इज़्ज़त करेंगे।
मुझे हज़ारों की भीड़ से कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर हुंकार भरोगे तो, ललकार लाज़मी है।
दुनिया में हर चीज की कद्र होनी चाहिए, चाहे इंसान हो, पैसा हो, या कोई भी वस्तु, जहाँ कद्र नहीं होती, वहाँ से धीरे धीरे से सब चला जाता है।
आत्म सम्मान ऐसा होना चाहिए की किसी की मदद करते वक़्त हमेश आगे रहे, और मदद लेते वक़्त हमेशा पीछे।
वहुत दिनों वाद खुद से मुलाकात को है, तेरे लिए खुद को खो दू, ऐसा तेरा कूढ नहीं..
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