Mehndi Quotes In Hindi | मेहंदी पर शायरी हिंदी में {2023}

Mehndi Quotes in hindi नमस्कार, आज हम आपके लिए लेकर आये है mehndi shayari hindi दोस्तों, हम किसी शादी सामारोह में जाते है तो वहा पर सभी महिलाये और लड़कियां मेहँदी लगाती है और आज कल माना जाता है कि मेहँदी का जितना अच्छा रंग होता है उतना ही वर-वधु में प्रेम गहरा होता है मेहंदी चाहे किसी भी नाम कि क्यों ना हो लेकिन अच्छी ही लगती है इसलिए आज हम मेहँदी पर कुछ बेहतरीन status on mehndi, mehndi shayari hindi, mehndi quotes in hindi, लेकर आये है हम आशा करते है कि आपको यह बेहद ही पसंद आया होगा |

Mehndi Quotes In Hindi

Mehndi Quotes In Hindi

मेहँदी वाले हाथ वो तेरे पायल वाले पांव,
याद बहुत आते हैं मुझको तू और अपना गाँव !!

चुरा के मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे हैं
बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे हैं !!

तेरे मेहंदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है,
जरा से लफ्ज में कितना पैगाम लिखा है !!

करतूतें तो देखियें मेहंदी की,
तेरा नाम क्या लिखी शर्म से लाल हो गई !!

मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है !!

उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं !!

मेहँदी जब तुम मेरे नाम का लगाती हो,
तो क्या इसे तुम अपनी सहेलियों को भी दिखती हो !!

उन्हीं के हाथों की मेहँदी दिलों को भाती है,
जो घर-आँगन में अपने संग खुशियां लाती है!!

मैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरह,
तू मेरा नाम कभी हाथों पर सजा कर तो देख !!

मेहंदी का रंग तो कुछ दिनों में मिट जाता है
इश्क़ का रंग तो मौत के साथ ही जाता है !!

मेहंदी पर लेख

अपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसाले,
ये मुमकिन नहीं तो मेहंदी मे मुझको रचाले !!

हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है,
तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं !!

तेरे हाथों के मेहंदी का रंग गहरा लाल है,
क्योंकि मेरे इश्क का चाहत बेमिसाल है !!

शादी के सात फेरों के वक्त, खामोश खड़ा एक शख्स था
दुल्हन की मेहंदी में आज भी बस उसका ही अक्स था !!

मेहँदी जब तुम मेरे नाम का लगाती हो,
तो क्या इसे तुम अपने सहेलियों को भी दिखती हो !!

वक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता है,
पर चाहत के रंग अपने दिल से कैसे उतारोगी !!

मेहंदी लगाने का जो ख्याल आया आप को
सूखे हुए दरख़्त हिना के हरे हुए !!

ज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बत मुझे नुमाइश सी लगती है,
उसके हाथों पे लगी मेहंदी मुझे पराई सी लगती है !!

मेहंदी से सजे तेरे हाथों को चूम लेता हूँ
तो एक अलग ही दुनियाँ में खो जाता हूँ मैं !!

किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई हैं,
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों पर रचाई हैं !!

मेहंदी शायरी रेख़्ता

चुरा के दिल मेरा मुठ्ठी में छिपाए बैठे है,
और बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे है !!

खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो,
बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो !!

मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो
मुट्ठी में उन की दे दे कोई दिल निकाल के !!

इन हाथों में
लिख के मेहँदी से सजना का नाम,
जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम !!

हवाई बारिशें क्या अब
तो मेहंदी पायल भी सवाल करती है
कौन होगा वो दिलदार
जिसके लिए तू भी एक श्रृंगार करती है !!

वो मेहंदी तेरे नाम की
खुशबू तेरे प्यार की
अपने आंचल से बांध ली
हर तस्वीर तेरे दीदार की !!

दोनों का मिलना मुश्किल है
दोनों हैं मजबूर बहुत
उस के पाँव में मेहंदी लगी है
मेरे पाँव में छाले हैं !!

पहले तो मोहब्बत की
आजमाईश होगी
बाद में उसके नाम के मेहँदी
की ख़्वाहिश होगी !!

माना की सब कुछ पा लूँगा
मैं अपनी ज़िन्दगी में
मगर वो तेरे मेहँदी लगे हाथ
मेरे न हो सके !!

मेहंदी पर कविताएं

किस्मत की लकीरें भी
आज इठलाई है
तेरे नाम की मेहँदी जो
हाथों अपर रचाई है !!

मुझे भी फ़ना होना था,
तेरे हाथों की मेहँदी की तरह,
ये गम नहीं मिट जाने का
तू रंग देख निखरा हूँ किस तरह!!

कुश्ता-ए-रंग-ए-हिना हूँ मैं
अजब इस का क्या
कि मिरी ख़ाक से
मेहंदी का शजर पैदा हो !!

किसी और के रंग में रंगने लगे है वो,
मेरी दुनिया बेरंग कर,
किसी गैर की याद में हँसने लगे है वो !!

शादी में लगी मेहँदी का रंग
कभी नहीं छूटता है
ऐसे मौके पर ना जाने कितने
आशिकों का दिल टूटता है !!

मेहंदी हाथो पे लगा कर,
वो मुस्करा रहीं थीं,
मेरे अरमानों को दफन कर,
वो नया घर बसा रही थी
सुमित परिहार !!

मेहेंदी का है ये कहना,
अपने पिया के संग रहना,
मेहंदी के रंग का है ये कहना
रंग छूटे पर पिया का संग ना छूटे !!

कैसे भूल जाऊँ मैं उसको,
जो चाहता है इस कदर
हथेली की मेहंदी में लिखा है
उसने मेरा नाम छिपाकर !!

तेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती है,
तेरी मुस्कान लूट कर मेरा दिल ले जाती है,
रखा जब पाँव शीशे पर, हुआ मदहोश आईना
ये तेरे पैरों की मेहंदी मेरे मन को भाती है !!

हाथों की लकीरों में उनका नाम नहीं,
फिर भी हम मेहँदी से लिख लिया करते है छुपाती रही वो हाथो की मेहंदी सबसे
लगाती थी जब मेहंदी मेरे नाम की !!

अपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसाले,
ये मुमकिन नहीं तो मेहंदी में मुझको रचाले !
वो मेहंदी के हाथों में क्या तराशेंगे नाम हमारा,
जब नाम ही छुपा लिखा है उनके हाथों में !!

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