Majburi Quotes In Hindi – दोस्तों, हर किसी के जीवन में ऐसी भी परिस्थिति आती हैं और जब इंसान बहुत ही ज्यादा मजबूर हो जाता है और मजबूरी में इंसान हर वो कार्य करता है जिसे करने के लिए कभी नहीं सोचता है और कुछ लोग ऐसे वक्त मे मजबूरी का फायदा उठाने की भी कोशिश करते है और दोस्तों कभी किसी इंसान की मजबूरी का फायदा नही उठाना चाहिए इसलिए हम इस पोस्ट में आपके लिए लेकर आये है Majburi Shayari,Majburi Quotes In Hindi, Majburi Status, आशा करते है यह पोस्ट बेहद पसंद आएगी |

Majburi Quotes In Hindi
खामोशी समझदारी भी है और मजबूरी भी…
कहीं नज़दीकियां बढ़ाती है और कहीं दूरी भ !
मैं मजबूरियां ओढ़ कर निकलता हूँ घर से आज कल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगने का !
किसी की अच्छाई काइतना भी फायदा मत उठाओ,
कि वो बुरा बनने के लियेमजबूर बन जाये !
बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है ,
रहते रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं !
कोई मजबूरी होगी जो वो याद नहीं करते,
सम्भल जा ऐ दिल तुझे तो रोने का बहाना चाहिए !
चुप रहना ही ठीक है आज कल के हिसाब से
अक्सर ज्यादा बोलने वाले धोके खा जाते हैं !
थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ!
मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ !
मजबूरी हैं सांसों की जो चल रही है,
वरना जिंदगी तो कब की थम गई हैं !
तुम्हारा तो झूठ भी इतना सच्चा होता है की,
हम हर बार आंख बंद करके यकीं कर लेते हैं !
कोई मजबूरी होगी जो वफा कर ना सके..
मेरे मेहबूब को ना शामिल करो बेवफाओ में !
मजबूरी शायरी 2 line
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है
उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है !
किसी की मजबूरी कोई समझता नहीं
दिल टूटे तो दर्द होता है, मगर कोई कहता नहीं !
मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूंघर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी हैबारिशों में भीगनें का !
ऐसी भी क्या मजबूरी आ गई थी जनाब
की आपने हमारी चाहत का कर्ज धोका दे कर चुकाया !
“किसी की अच्छाई का इतना भी फायदा मत उठाओ !
कि वो बुरा बनने के लिए मजबूर हो जाये !
अगर तेरी मजबूरी है भूल जाने की,
तो मेरी आदत है तुझे याद रखने की !
बचपन में कहानी सुन कर सोते थे
आज अपनी ही कहानी पर रो कर सोते हैं !
तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मजबूरी है
तो रहने दो इश्क़ भी कौन सा जरूरी है !
अजीब है मेरा अकेलापन ना खुश हूँ
ना उदास हूँ बस खली हूँ और खामोश हूँ !
पढ़ने की उम्र में उसने बच्चे से मजदूरी कराई थी,
वह मजदूरी नही साहब मजबूरी थी !
किसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाहिए
वो छोड़ के गए हमें,न जाने उनकी
क्या मजबूरी थी,खुदा ने कहा इसमें
उनका कोई कसूर नहीं,ये कहानी
तो मैंने लिखी ही अधूरी थी !
न खेल दिल से मेरे न जज़्बातों से
बहुत बुरी तरह टूटा है ये दिल
अब डर लगता है इश्क़ की बातों से !
जब बदलने की
आदत होती है किसी की
फिर मजबूरियां रखनी
होती है भूलने की !
मिलना एक इत्तेफ़ाक है
और बिछड़ना मजबूरी है
चार दिन की इस जिन्दगी में
सबका साथ होना जरूरी है !
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है,
उन से कह न पाना हमारी मजबूरी है,
वो क्यू नै समझते हमारी खामोशी को !
कुछ तो मजबूरी
उसकी भी रही होगी
यूं ही नही कोई अपने
प्यार को छोड़ देता है !
कोई मजबूरी होगी जो वो याद
नहीं करते
सम्भल जा ऐ दिल तुझे तो रोने
का बहाना चाहिए !
मजबूर इस दिल की धड़कन
तुम सुनने की कोशिश तो करते,
जा रहा हूं दूर तुम्हारी जिंदगी से
मुझे रोकने का दिखावा तो करते !
किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ दोस्तों
जिन्दगी कभी मौका देती है
तो कभी धोखा भी देती है !
कितने मजबूर हैं हम प्यार के हाथों,
ना तुझे पाने की औकात,
ना तुझे खोने का हौसला !
majboori shayari in hindi
किसी की मजबूरी का मजाक
ना बनाओ यारों
जिन्दगी कभी मौका देती है तो
कभी धोखा भी देती है !
वो करीब तो बहुत है
मगर कुछ दूरी के साथ
हम दोनों जी तो रहे है
मगर मजबूरी के साथ !
“होगी कोई मजबूरी उसकी भी,
जो बिन बताएं चला गया,
वापस भी आया तो किसी
और का होकर आया !
कितने मजबूर हैं हम,प्यार के हाथों
ना तुझे पाने की औकात, ना तुझे
खोने का हौसला !
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है,
उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है,
ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को
क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है !
मैं मजबूरियां ओढ़ कर निकलता हूँ घर
से आज कल,वरना शौक तो आज भी है
बारिशों में भीगने का !
क्या थी मजबूरी तेरी
जो रस्ते बदल लिए तूने
हर राज कह देने वाले
क्यों इतनी सी बात छुपा ली तूने !
ऐसा नही है की वक्त ने मौका नहीं दिया,
हम आगे बढ़ सकते थे,
पर तूने मजबूर किया !
मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम न दे,
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम न ले,
तेरा वहम है कि मैंने भुला दिया तुझे,
मेरी एक भी साँस ऐसी नहीं जो तेरा नाम न ल !
मेरी मजबूरी को समझो जो
तुम्हारा साथ ना दे पाई
दिल तो मेरा यही चाहता है
की बन जाऊं तेरी परछाई !
Majburi Shayari in Hindi
अपने टूटे हुए सपनों को बहुत जोड़ा,
वक्त और हालत ने मुझे बहुत तोड़ा,
बेरोजगारी इतने दिन तक साथ रही की,
मजबूरी में हमने शहर छोड़ा !
हमने खुदा से बोला वो छोड़ के चले गये
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी
खुदा ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी !
कभी-कभी सब कुछ पता होकर भी हम
खामोश रहते है क्युकी अगर कुछ बोल देंगे
तो रिश्ते खत्म हो जायेंगे !
हर प्यार में एक एहसास होता है,
हर काम का एक अंदाज होता है,
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर,
हर किसी को अपनी पसंद पे नाज़ होता है !
उसे चाहना हमारी कमजोरी है !
वो क्यू न समझते हैं हमारी खामोशी को ।
उन से कह न पाना हमारी मजबूरी है !
थके लोगों को मजबूरी में
चलते देख लेता हूँ
मैं बस की खिड़कियों से ये
तमाशे देख लेता हूँ !
ऐसा नही है की वक्त ने मौका नहीं दिया,
हम आगे बढ़ सकते थे,
पर तूने मजबूर किया !
वो हमेशा बात बनाती क्यों थी,
मेरी झुठी कसम खाती क्यों थी,
मजबूरियों का बहाना बना कर
मुझ से दामन छुड़ाती क्यों थी !
“मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरूरी नहीं की वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है !
क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम,
तू भी इंसान है कोई खुदा तो नहीं,
मेरा वक़्त जो होता मेरे मुनासिब,
मजबूरिओं को बेच कर तेरा दिल खरीद लेता !
ज़ख्म सब भर गए बस एक चुभन बाकी है,
हाथ में तेरे भी पत्थर था हजारो की तरह,
पास रहकर भी कभी एक नहीं हो सके,
कितने मजबूर हैं दरिया के किनारों की तरह !
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