kismat shayari in hindi – हेलो, आज हम आपके लिए लेकर आये है Kismat Shayari In Hindi दोस्तों, हमारे जीवन काल में किस्मत अहम भूमिका निभाती है। कहते है कि किस्मत गरीब को अमीर और अमीर को गरीब बना देती है। इंसान कई काम kismat के भरोसे ही करते है। आशा करते है आपको यह आर्टिकल पसंद आएगा |

kismat shayari in hindi | Kismat Quotes In Hindi
Bad Kismat Shayari
जिन्दगी में चुनौतियाँ,
हर किसी के हिस्से में नहीं आती है,
क्योंकि किस्मत भी,
किस्मत वालों को ही आजमाती है.
किस्मत का खेल शायरी फोटो
यूँ ही नहीं होती हाथ की,
लकीरों के आगे उंगलियाँ,
खुदा ने भी किस्मत से,
पहले मेहनत लिखी है.
मैंने किस्मत पर भरोसा
करना छोड़ दिया था
पर तुझे पाया तो किस्मत
अच्छी लगने लगी है..!
कहर हो बला हो जो कुछ हो
काश तुम मेरे लिये होते
मेरी किस्मत में गम अगर इतना था
दिल भी या रब कई दिये होते !!
जिनकी किस्मत में लिखा हो रोना,
वह मुस्कुरा भी दे तो आंसू निकल आते हैं।
ख़राब हम नहीं हमारी किस्मत है
जहां भी जाते है अकेले ही रह जाते है!
तकलीफ ये नहीं की
किस्मत ने मुझे धोखा दिया,
मेरा यकीन तुम पर था
किस्मत पर नही।
तक़दीर ने क्या खूब खेल खेला है
मेरे दिल पे तेरा नाम
और जिंदगी किसी और के नाम लिखा है
आये नया साल बन के उजाला
खुले आपकी किस्मत का ताला
हमेशा रहे मेहरबान ऊपर वाला
यही दुआ करते है ये आपका चाहने वाला।
दरिया तो बह रहा है
मेरे घर के पास से मगर
किस्मत कही दूर बैठी है
लेकर आशाए साथ में..!
तकदीर किस्मत शायरी
सुना है अब भी मेरे हाथों कि
लकीरों में
नाजूमियों को मुक़द्दर
दिखाई देता है !!
इल्म हो गया मुझे
मेरी अहमियत खो गई है
जागी थी जो फिर से वो
किस्मत अब सो गई है..!
जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो
जरुरी तो नहीं हम जिसके हैं वो हमारा हो
कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती है
जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो !!
बात मुकद्दर पे आ के रुकी है
वरना
कोई कसर तो न छोड़ी थी
तुझे चाहने में
क्या खूब मैनें किस्मत पाई है
खुदा ने कहा हंसकर
संभाल कर रख पगले
ये मेरी पसंद है जो तेरे
हिस्से में आई है !!
मेरा कसूर नहीं जे मेरी किस्मत का कसूर है
जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँ
वो ही दूर हो जाता है!
बात मुकद्दर पे आ के रुकी है
वरना
कोई कसर तो न छोड़ी थी
तुझे चाहने में !!
किस्मत पर रोना मैंने छोड़ दिया,
अपनी उम्मीदों को
मैंने हौसलों से जोड़ दिया।
लेके अपनी-अपनी क़िस्मत,
आए थे गुलशन में गुल,
कुछ बहारों में खिले,
कुछ ख़िज़ाँ में खो गए||
दिल टुटा इस कदर की
धड़कना भूल गया
किस्मत अच्छी थी जो
आपने आकर मेरे दिल को थाम लिया!
पता नहीं किस कलम से किस्मत लिखी है मेरी शायरी
कितने सच कितने अफ़साने,
कैसी ये रेखाओं की बस्ती है,
वही मुकम्मल है ताने बाने,
जो ये किस्मत बुना करती है।
जब भी खुदा दुनियां की
क़िस्मत में चमत्कार लिखता है,
मेरे नसीब में थोड़ा और इंतज़ार लिखता है||
जैसे बिछड़ने की जल्दबाजी हो,
मिलकर भी ऐसे बिछड़ना हुआ,
जैसे कायनातए किस्मत की जालसाजी हो।
‘मेरी चाहत को मेरे हालात
के तराजू में कभी मत तोलना,
मेने वो ज़ख्म भी खाए है
जो मेरी किस्मत में नहीं थे.
तक़दीर लिखने वाले एक
एहसान करदे
मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और
मुस्कान लिख दे
न मिले कभी दर्द उनको
तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं
मेरी जान लिख दे !!
अपने हाथों अपनी किस्मत बिगाड़ा हूँ,
जिंदगी एक खेल है और मैं अनाड़ी हूँ।
कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम,
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम,
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां,
ख़ुद को छुपाने के लिए||
क्यूं हथेली की लकीरों से हैं
आगे उंगलियां
रब ने भी किस्मत से आगे
मेहनत रखी !!
किस्मत भी उनका साथ देती है,
जिनमें कुछ कर गुजरने
की हिम्मत होती है।
चल आ तेरे पैरों पर मरहम लगा दूए मुक़द्दर,
कुछ चोटें तुझे भी आयी होंगी,
मेरे सपनों को ठोकर मारकर||
खराब किस्मत शायरी
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली !!
किस्मत कि लकीरों में
तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे
तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी !
किस्मत जाग गयी मैं सोता रहा,
किस्मत भाग गयी मैं रोता रहा।
लिखा है मेरी तक़दीर में तेरा नाम
दुनिया से क्या डरना
चाहे लाख कोशिश कर ले जमाना
मुमकिन नही हमको तुम से जुदा कर पाना!
अगर इश्क़ है तो फिक्र भी बेहद होगी,
उभर गए तो किस्मत,
डूब गए तो चाहत होगी।
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है
सच देखना भी हर
किसी के वश में नहीं होता,
इंसान भी बेबस है
अपनी किस्मत के आगे।
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल ए यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता!
मोहब्बत की आजमाइश दे दे
कर थक गया हू ऐ खुदा,
किस्मत मे कोई ऐसा लिख दे,
जो मौत तक वफा करे।
खुश किस्मत शायरी
ज़माने से ना डर जरा किस्मत पे भरोसा कर
जब तक़दीर लिखने वाले ने लिखा है साथ
तो फिर किस बात का है दर!
जो क़िस्मत में होगा वो
ख़ुद चलकर आएगा,
जो नहीं होगा वो पास
आकर भी दूर चला जाएगा।
अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता है
बेवजह किस्मत को दोष देकर रोता है!
किसी को प्यार करना
और उसी के प्यार को पाना,
ये किसी किस्मत वाले कि
किस्मत में ही होता है।
तकदीर त छे मगर किस्मत नि खुलती
ताजमहल बनाना चाहूँ
मगर ष्मुमताज नि मरती!!
अब किस्मत पर कैसा भरोसा जनाब,
जब जान से प्यारे लोग बदल गए,
तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।
रिश्ते नाते झूठे हैं सब स्वार्थ का झमेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है!
मेरी क़िस्मत की लड़ाई में खुद लड़ूंगा,
चाहें वो मिले ना मिले,
मेरी ज़िन्दगी है मैं खुद जियूंगा।
मेरे लिखने से अगर बदल जाती किस्मत तो
हिस्से में तेरे सारा जहाँ लिख देती!
मंजूर है मुझे हर शर्त वो तेरी,
मैं किस्मत में नहीं,
खुद पर यकीं रखती हूं।
मेरी किस्मत शायरी
तुमसे दूर रहने की
हिम्मत नही मेरी
हरदम तेरे पास रहूं
ऐसी किस्मत कहां है मेरी..!
काश मेरी किस्मत
कोरे कागज जैसी होती
जिस पर मैं रोज खुद लिख पाता..!
हाथों की लकीर, किस्मत और नसीब,
जवानी में ऐसी बातें लगती है अजीब,
कर्म करके तू लिख दे अपना नसीब,
दुनिया भी कहे इंसान था वो अजीब.
क्या खूब मैनें किस्मत पाई है
खुदा ने कहा हंसकर
संभाल कर रख पगले
ये मेरी पसंद है जो तेरे
हिस्से में आई है !!
जब भी रब दुनिया की
किस्मत में चमत्कार लिखता है.
मेरे नसीब में थोड़ा और इंतज़ार लिखता है.!!
मेरा कसूर नहीं जे मेरी किस्मत का कसूर है
जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँ
वो ही दूर हो जाता है!!
खरीद सकते तो उन्हें अपनी जिंदगी बेचकर खरीद लाते
पर अफसोस कुछ लोग कीमत से नही किस्मत से मिलते है!!
किसी राह पे मिल जाओ मुसाफ़िर बन के,
क्या पता अपनी किस्मत में हमसफ़र भी लिखा हो.!!
कुम्भकरण की तरह जब किस्मत सोती है,
तभी इंसान से जमकर मेहनत होती है.!!
“हुनर” सड़कों पर तमाशा करता है
और “किस्मत” महलों में राज करती है!!
रास्ते मुश्किल है पर हम मंज़िल ज़रूर पायेंगे
ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है इसे भी ज़रूर हरायेंगे !!
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