Ghamand Quotes In Hindi | घमंड तोड़ने वाली शायरी {2023}

Ghamand Quotes In Hindi – नमस्कार, दोस्तों आज हम आपके लिए घमंड तोड़ने वाली शायरी लेकर आये है आज कल हर इंसान घमंड में रहता है किसी को शिक्षा का घमंड, किसी को पद का घमंड, और किसी को पैसो का घमंड आ जाता है ऐसी ही व्यक्ति को कई चीज़ो में घमंड होता है अहंकार इंसान को बर्बाद कर देता है घमंड में हमेसा आदमी का नुकसान होता है घमंड से व्यक्ति अपने आप को भी खो देता है इंसान को कभी भी किसी बात का घमंड नहीं करना चाहिए | इसलिए आज हम आपके लिए घमंड तोड़ने वाली शायरियों का कलेक्शन लेकर आये है इनको आप अपने दोस्तों को भी शेयर कर सकते है

Ghamand Quotes In Hindi

Ghamand Quotes In Hindi | घमंड तोड़ने वाली शायरी

ख्वाबों का तकिया भी था
सुकून की चादर भी।

घमंड चाहता है मैं उसे करूँ,
पर औकात मेरी मुझे पता है।

घमंड किस बात का है जनाब
घमंड किस बात का है जनाब |

अकड़ है धूल का क्या कहा जाए
‘बल है हवा का शाम ढले पांव तले ही आ जाए |

घमंड को जेबों में रखो,
बिकती नही है , अब ये बाजार में |

हमनें घमंड की ओर करवट क्या बदली
तकिया भी गिर गया, चादर भी फिसल गई।

उसे गैरों का होता देख मेरा दिल रोता है
उसे अपने मर्द होने पर घमंड होता है |

लोग कहते हैं,’धवल’… प्यार को तेरे घमंड बडा है,
भला प्यार है मेरा !!, घमंड में भी मेरे साथ खड़ा है।

ऐ आसमां इतरा ले तू भी हमारे सितारे को चुराकर ,
हमें भी बहुत घमंड था उसके साथ होने पर |

खुद पे घमंड होना जरूरी है, वरना लोग तुम्हें
वहाँ भी दबाने की कोशिश करेंगे जहाँ हुकूमत
तुम्हारी होगी |

घमंड ना कर इतना , मेरे
दोस्त,
कस्ती तो सबकी डूबती है।

पढ़ा लिखा पानी हुआ, मन में भरा घमंड
घमंड ज्ञान दोनों कभी, रहते नहीं है संग।

मानो या न मानो कोई बात तो मुझमें ज़रूर ह
जिसे भी तवज्जो दे दी मैंने वही घमंड में चूर है |

तुझे तेरा घमंड ही हरायेगा
मैं कौन हूं ये तो वक्त बताएगा |

कभी भी अपनी दौलत-शौहरत पर घमण्ड न करना।
यहाँ कोई अमर नही।

सुन्दर दिल वाले से प्यार करना चाहिए,
अक्सर खूबसूरत चेहरे के पीछे घमंड छिपा होता है।

हाँ,,होगा घमंड तुम्हें अपने धन-दौलत का
पर हर कोई बिकाऊ भी नही यहाँ |

घमंड किस बात का है जनाब,
मंजिल तो हमारी एक ही है श्मशान |

घमंड नहीं मुझे खुद पर, बस कुछ रिश्तो ने
खामोश रहना सिखा दिया।

मैं अच्छा हूँ ये स्वाभिमान की बात है
मग़र सिर्फ मैं ही अच्छा हूँ ये अभिमान की बात है |

अपने घमंड को तुम जल में प्रवाहित कर आना
और नव वर्ष में तुम प्रेम से रहना सीख जाना।

मत कर इतना घमंड अपने आप पर ऐ दोस्त
हम घमंडी लोगों से रब्त जब्त करना छोड़ देते हैं |

न कर घमंड, तु स्वयं पर इतना,
वक्त बदला तो हो जाएगी दुर्घटना।

किस बात का इतना घमंड है “जनाब”
कल किसका दिन भारी है देखते हैं |

घमंड नहीं मुझे खुद पर,
बस कुछ रिश्तो ने खामोश रहना सिखा दिया।

उनके जेहन में घमंड का आना लाज़मी था,
हमनें प्यार ही इस कदर किया था।

घमंड किस बात का है जनाब,
मंजिल तो हमारी एक ही है श्मशान।

आज इंसानियत का रंग इतना बेरंग क्यूँ है,
हर शख्स को खुद पर इतना गुरूर क्यूँ है।

“इंसान में घमंड और सब्जी में नमक,
स्वादानुसार ही होना चाहिए।

“अक्सर ताले वही टूटते हैं जिन्हें अपने बड़े होने
का घमंड होता है।

मैंने इस छोटी सी उम्र में
सारे के सारे बड़े शोंक पाल रखे हैं |

मुझको ना ज्ञान दे
तू पहले अपने आप पे ध्यान दे |

घमंड से आदमी फूल सकता है
फल नहीं सकता |

आप ज़िन्दगी में जितने अच्छे बनोगे
उतने ही घटिया लोग मिलेंगे ।

आप ज़िन्दगी में जितने अच्छे बनोगे
उतने ही घटिया लोग मिलेंगे ।

इंसान में घमंड और सब्जी में नमक,
स्वादानुसार ही होना चाहिए।

मुझमे घमंड इसबात पर हैं जनाब,
की मेरी पसंद को भी मैं पसंद हूँ।

जिसने कद्र-ऐ-बलिदान को जाना है
घमंडी उसे ही जगत ने माना है |

कभी सम्मान तो कभी सादगी
भी घमंड का कारण बन जाती है |

दूसरे लोगो की तरह
किसी पर कीचड़ नहीं उछा |

मौका मुझे भी मिलेगा मेरे भाई
और याद रखना घायल तू भी होगा |

घमंड से आदमी फूल सकता है
फल नहीं सकता |

कुछ नही कहेंगे हम
वरना बिखर जाओगे तुम |

कोई भी हमें पहचान नहीं पाया
कुछ अंधे थे कुछ अँधेरे में थे ।

गाली तो हम देते नही
अगर दी है तो You Deserve it |

समय और किस्मत दोनों परिवर्तनशील है
इस पर कभी घमण्ड ना करो ।

मुझको ना ज्ञान दे
तू पहले अपने आप पे ध्यान दे |

आग लगा देंगे उस महफ़िल में
जहाँ बगावत हमारे खिलाफ होगी |

किस बात का इतना घमंड है “जनाब”
कल किसका दिन भारी है देखते हैं।

सब जानते है उसका घमंड एक दिन मिट जाएगा,
फिर भी लोग कहते है जो होगा देखा जाएगा।

घमंड के उजालों में कुछ इस कदर गुमनाम हुए,
मानो खुद के बनाए हुए बाज़ारों में नीलाम हुए।

पैसा बहुत था पर वो अपनी औक़ात खो बैठा,
अमीरी के फेर में जब पिता का साथ खो बैठा।

एक बुरी आदत है आज भी मेरे अंदर
मैं किसी को माफ करके भी माफ नही करता |

घमंडी नही हु पर आपका व्यवहार बताएगा
आपसे कितनी बात करनी |

बाप का अभी पैसा है तो घमंड है इसलिये
खुद का पैसा कमा घमण्ड भी कुछ सीखा देगा ।

“उनके जेहन में घमंड का आना लाज़मी था,
हमनें मोहब्बत ही इस कदर किया था |

जिस ज्ञानी को अपने ज्ञान पर घमंड हो,
वह इस दुनिया का सबसे बड़ा मूर्ख है।

“अपने घमंड को तुम जल में प्रवाहित कर आना
और नव वर्ष में तुम प्रेम से रहना सीख जाना।

औकात की बात मत कर ‪ऐ दोस्त
लोग तेरी ‪बंदूक से ज्यादा मेरी मूँछ से डरते है |

जब इंसान का घमंड और पेट दोनों बढ़ने लगे
तब वो चाहकर भी किसी को गले नही लगा सकता ।

“ऐ आसमां इतरा ले तू भी हमारे सितारे को चुराकर ,
हमें भी बहुत घमंड था उसके साथ होने पर |

“हमनें घमंड की ओर करवट क्या बदली
तकिया भी गिर गया, चादर भी फिसल गई।

टने लगते है जब कोई अहंकारी हो जाए
अच्छा है मांग कर माफी वो रिश्ता निभाया जाए ।

इज्जत कम हो जाये चाहे या शान कम हो जाये
मगर इंसान का घमंड कम नही होना चाहये ।

रिश्ते तब टूटने लगते है जब कोई अहंकारी हो जाए
अच्छा है मांग कर माफी वो रिश्ता निभाया जाए ।

“लोग कहते हैं,’धवल’… प्यार को तेरे घमंड बडा है,
भला प्यार है मेरा !!, घमंड में भी मेरे साथ खड़ा है।

गुरूर का भार इतना भारी होता है की
इंसान उसे उठाते-उठाते दूसरों की नज़रों से ही गिर जाता है।

“गुस्सा और घमंड वहाँ जा कर दिखाओ जहाँ जायज़ है
फ़िजूल का हर पर उड़ेल कर अपना ही खून क्या जलाना |

“लोगों को घमण्ड तो इतना है जनाब, यह स्टेटस दिखाने की होङ न होती
तो यह जालिम दुनिया हर किसी का नम्बर सेव न करती |

“उन्होंने पूछा कि “”किस चीज़ का घमंड हैं ‘अभि’ तुम्हारे पास””
हमने कहा “”क्योंकि खोने के लिए कोई चीज़ नही हमारे पास |

परख ना सकोगे ऐसी शख्सियत है मेरी
मैं अच्छा सिर्फ उन्हीं के लिए हूँ
जो जाने कदर मेरी ।

“घमंड किस बात का है?
जब सोने-चाँदी में नहीं, मिट्टी में
ही जा मिलना है तुम्हें।

जीत का इतना घमंड ना करो साहब,
आप जीते हो तो, हमे भी जीतने का
तजुर्बा हासिल हुआ हैं।

घमंड तो बस यह मन करता है,
वरना शरीर तो दो गज
जमीन में भी लेट जाता है।

घमंड की गिरफ्त में फंसे लोग
कभी इसके चुंगुल से सही सलामत
रिहा नहीं होते हैं।

घमंड में हस्तियाँ,
और तूफान में कश्तियाँ
अक्सर डूब जाया करती है जनाब |

केवल अपने पर घमंड कर ए दिल
क्योंकि जिंदगी तो उनकी भी जाती है
जिनके जायदाद होती है |

घमंड मत करना कभी
वक़्त वजुद और विरासत
कब खत्म हो जए
पता भी नही चलता किसी को।

कहने की बात तो बस इतनी सी है,
जीतने की उन्हें ग़लतफ़हमी सी है
उन्हें घमंड की गर्मी सी है,
हम पर खुदा की रहमी सी है |

घमंड किस बात का करते हो यारो
मरने के बाद तो अपने भी मुड़कर नहीं देखते
कुछ समय बाद वे भी भूल जाया करते हैं |

घमंड तो हमे सिर्फ
इस बात का है।के हमे…
कोई घमंड नहीं AC |

वक्त वक्त की बात
आज तुम्हारा है,
इसका मतलब ये नही कि
कल भी तुम्हारा ही हो।

घमंड किस बात का है जनाब
आज मिट्टी के ऊपर हैं
तो कल मिट्टी के नीचे होंगे |

एक बात याद रखना
घमंड के दिन चार होते है,
समय जब आता है ना
तब हर तरफ से वार होते है |

घमंङ में हस्तियाँ
और तूफान में कश्तियाँ
अक्सर डूब जाया करती हैं जनाब।

पैसो का घमंड शायरी
मुझसे किसी का दिल नहीं तोड़ा जाता,
पर हाँ घमंड तोड़ने का हुनर है मुझमें।

अर्ज़ किया है-
मुझे लगा तू मेरे प्यार से अंजानी है ,
पर मैं नहीं जानता था कि
घमंड तेरी निशानी है |

Meri पसंद को mai
पसंद हूं… बस,
इसी बात का घमंड है
मुझे |

बहुत घमंड भी था मुझे तुम्हारा होने का,
पर घमंड था ना,
एक दिन टूटना ही था |

घमंड करने से क्या होगा,
जो है वो भी खो जाएगा
आखिर लेकर क्या जाना है,
यहाँ का है यहीं रह जाएगा |

जब घमण्ड तेरा हद पार कर जाए तो
तब शमसान का एक चक्कर लगा आना
तुजसे बेहतरीन लोग वहां राख बने पड़े है ।

मुझे घमण्ड था अपने चाहने वालो का
इस दुनिया में
वक्त क्या पलट गया सब की
असलियत सामने आ गई ।

हाथ की लकीरों पर नहीं
बल्कि हाथ की लकीरें बनाने वाले
पर भरोसा करो ।

बहुत घमंड भी था,
मुझे तुम्हारा होने का,
पर घमंड था ना,
एक दिन टूटना ही था।

हम खुदा से उस शक्स को
पाने की दुआ कर बैठे है,
जिसे खुद के होने पे ही
इतना घमंड है।

किस बात का इतना घमंड,
किस बात का इतना गुरूर,
वक़्त के हाथों बने सब शेर,
वक़्त ही करे सब चकनाचूर।

वक़्त और किस्मत पर
कभी घमंड मत करना,
क्यूंकि जब भी ये बदलते हैं,
सब कुछ बदल कर रख देते हैं।

मुझको घमंड हो उसपर
वो ऐसा काम कर जाए,
मेरे दिल और दिमाग
दोनो अपने नाम कर जाए।

दौलत तुझे गुमान है
मेरे रिश्तो में आग लगाने कि
मैं इतना ‘खुदगर्ज’ नहीं,
जो तू हर रिश्ता जला पाये।

“बहुत घमंड भी था मुझे तुम्हारा होने का,
पर घमंड था ना,
एक दिन टूटना ही था |

“कहने की बात तो बस इतनी सी है,
जीतने की उन्हें ग़लतफ़हमी सी है
उन्हें घमंड की गर्मी सी है,
हम पर खुदा की रहमी सी है |

“कहते हैं इंसान को कभी
घमंड नहीं करना चाहिए
लेकिन अगर हुनर हो तो
थोड़ा बहुत घमंड इंसान
को हो ही जाता है।

अपने हद में रह के करना,
प्यार हो चाहे घृणा,
वरना तुम गुरुर से अपने,
खाक में खुद मिल जाओगे |

दुनिया कहती हैं कि बस
अब हार मान जा
उम्मीद पुकारती हैं कि
बस एक बार और सही ।

जब इंसान को उसकी हैसियत से
ज़्यादा मिलने लग जाता है,
तो उसके घमंड का सर उसके
कद से भी ज़्यादा बढ़ जाता है।

घमण्ड विमान की तरह
आसमान में उड़ता है जरुर,
पर वक्त आने पर टूटते तारे
की तरह गिरता है जरूर।

ये शहर तुम्हारी गुलामी करता होगा,
मैं नहीं
ओर रही बात घमंड की
तो साहब वो मेरे रग रग मैं भरा हैं।

बहुत गुरूर था उसको
अपनी ऊंचाई पर साहेब
एक आवारा बादल क्या
गुजरा बहम टूट गया उसका।

घमंड तोड़ने वाली शायरी
घमंड किसी का भी नहीं रहता,
टूटने से पहले गुल्लक को भी लगता है
कि सारे पैसे उसी के है।

घमंड एक ऐसा हथियार है,
जिसका इस्तेमाल इंसान,
स्वयं की बर्बादी के लिए करता है।

घमंड किसी का भी
नहीं रहता साहब टूटने से
पहले गुल्लक को भी लगता है
कि सारे पैसे उसी के है |

घमंड भी किस बात का करें हम,
जिस इंसान को बेहद पसंद थे
आज उन्हीं को हमारे अन्दर,
हजारों कमियां दिख रही हैं ।

किस बात का इतना घमंड
किस बात का इतना गुरूर
वक्त के हाथों बने सब शेर
वक्त ही करे सब चकनाचूर |

“एक चिंगारी काफी होती है,
आग लगने के लिए,
यहाँ तो बात तुम्हारे घमंड की आ गयी,
तो रिश्ते कैसे खराब न होते।

“खुद पे थोड़ा घमंड जरूरी है
जिंदगी कुछ आसान हो जाएगी
सीधे-सादे को खुशियां नहीं मिलती
और अगर भोले बनोगे यहाँ,तो
जिन्दगी बर्बाद तमाम हो जाएगी।

जब इंसान को उसकी हैसियत
से ज़्यादा मिलने लग जाता है
तो उसके घमंड का सर उसके
कद से भी ज़्यादा बढ़ जाता है |

खुद पे थोड़ा घमंड जरूरी है
जिंदगी कुछ आसान हो जाएगी
सीधे-सादे को खुशियां नहीं मिलती
और अगर भोले बनोगे यहाँ,तो
जिन्दगी बर्बाद तमाम हो जाएगी।

कहते हैं इंसान को कभी
घमंड नहीं करना चाहिए
लेकिन अगर हुनर हो तो
थोड़ा बहुत घमंड इंसान
को हो ही जाता है।

“अक्सर बातें जुबां पे,
लाने में हिचकिचाती हूँ
लोग घमंड समझ लेते है उसे,
और में बेचारी
खुद की मासूमियत का,
शिकार हो जाती हूँ |

घमंड करना ही है
तो अपनी कमाई पर कीजिए,
दूसरों के हिस्से या चीजों
पर हक जमा कर
घमंड करना सही नहीं साहब।

बहुत घमंड था,
पंखे को पंखा होने पर
झट से खमोश हो गया,
ज़रा लाइट क्या गयी तो।

हाथ की लकीरों पर नहीं
बल्कि हाथ की लकीरें बनाने वाले
पर भरोसा करो ।

मेरी आपबीती सुनकर क्या करेगा
बस खुशी मना की वो तुझ पर नही बीती |

मुझे घमण्ड था अपने चाहने वालो का
इस दुनिया में
वक्त क्या पलट गया सब की
असलियत सामने आ गई ।

दुनिया कहती हैं कि बस
अब हार मान जा
उम्मीद पुकारती हैं कि
बस एक बार और सही ।

घमंड तो गुल्लक को भी था
टूटने से पहले उसे भी लगा था
सारे पैसे उसी के है।

अगर हमसे मिलना हो तो ज़्यादा
गहरे पानी मे आना
बेशकीमती ख़ज़ाने कभी किनारे
पर नहीं मिला करते ।

हाथों की लकीरों के फरेब
में मत आना यारों
ज्योतिषों की दुकान पर
मुक्कदर नहीं बिकते ।

लाखों ठोकरों के बाद भी
संभलता रहूँगा मैं
गिरकर फिर उठूँगा और
चलता रहूँगा मैं ।

विरासत में मिली प्रतिष्ठा
पर गर्व कर रहा है वो
चले जाओ वरना कहोगे
घमंड कर रहा है वो |

धन के आते ही इंसान
की नियत बदल जाती है
मंजिल मिलते ही इंसान
की फितरत बदल जाती है |

हम आपके हर अंदाज
से वाकिफ है जनाब
आप घमंड तो रखते हो
पर हमारे साथ होने का |

“मैं कर सकता हूँ””
“”मैं ही कर सकता हूँ””
आत्मविश्वास और घमंड में बहुत कम फर्क होता है |

उनको घमंड है उनके चाहने वाले बहुत है,
अब उस पागल को कौन समझाए की
सस्ती चीजों का खरीदार बहुत होते है |

मत कर इतना दौलत का घंमड ए इंसान
किसी का दिल दुखाकर क्या पाएगा,
खाली हाथ ही तो आया था..
खाली हाथ जाएगा |

घमण्ड और इश्क जब सर पे चढ़ते हैं न,
तो अक्सर सर्वनाश कर के ही मानते हैं।
एक बुरी आदत है आज भी मेरे अंदर
मैं किसी को माफ करके भी माफ नही करता |

लोगों को घमण्ड तो इतना है जनाब
, यह स्टेटस दिखाने की होङ न होती
तो यह जालिम दुनिया हर किसी का नम्बर सेव न करती |

नज़र मत कर,अपनी खूबसूरती पर घमंड,
अक्सर,खूबसूरत चीजों को ही,
सबकी नज़र लगती है।

खुश ऐसे रहो कि, ज़िन्दगी कहें इसको किस बात का
घमंड हैं …।घमंड के उजालों में कुछ इस कदर गुमनाम हुए
मानो खुद के बनाए हुए बाज़ारों में नीलाम हुए |

घमंड का भी क्या खुमार होता है जनाब
जब तक होश आता है
तब तक इस ज़िन्दगी से बहुत कुछ दूर हो चुका
होता है।

जिन्हें घमण्ड हैं अपनी दौलत पर ओर जो अपनी
शान-ओ-शौक़त पर इतराते हैं,
वो देख ले मुक्तिधाम ओर कब्रिस्तान
तुम्हें बेहतर लोग यहाँ ख़ाक हो जाते हैं और दफ़नाए जाते हैं।

जिस खूटी के दम पर उछलते हो
ये खूटियाँ भी उखड़ जाती हैं
घमंड के पहाड़ पर चढ़कर क्या मुस्कुराते हो
बड़ी बड़ी हस्तियां भी मिट्टी में मिल जाती हैं।

“जिन्हें घमण्ड हैं अपनी दौलत पर ओर जो अपनी
शान-ओ-शौक़त पर इतराते हैं,
वो देख ले मुक्तिधाम ओर कब्रिस्तान
तुम्हें बेहतर लोग यहाँ ख़ाक हो जाते हैं और दफ़नाए जाते हैं।

“खुश ऐसे रहो कि, ज़िन्दगी कहें इसको किस बात का
घमंड हैं …।घमंड के उजालों में कुछ इस कदर गुमनाम हुए
मानो खुद के बनाए हुए बाज़ारों में नीलाम हुए”

“खुद पे घमंड होना जरूरी है, वरना लोग तुम्हें
वहाँ भी दबाने की कोशिश करेंगे जहाँ हुकूमत
घमंड हो जाता है इंसान को छोटी-छोटी बात पर
इंसान का घमंडी होने के लिए बड़ा होना ज़रूरी नहीं है।

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